सोचिए कभी पाकिस्तान भारत के एक राज्य के मुख्यमंत्री के जहाज को मिसाइल से गिरा कर कहता था गलती से मिसाइल फायर हो गया था और भारत सरकार चुप रहती थी
जी हां गुजरात के मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता 19 सितंबर 1965 को गुजरात के द्वारिका से कच्छ जा रहे थे पाकिस्तान का एक लड़ाकू विमान भारत की सीमा में घुसता है और गुजरात के मुख्यमंत्री के विमान पर दनादन दो मिसाइल फायर करके वापस पाकिस्तान चला जाता है
इस हमले में मुख्यमंत्री बलवंत राय मेहता उनकी पत्नी उनके बेटे और विमान के पायलट और को पायलट सब मारे गए
जब बलवंत राय मेहता के जहाज के पायलट ने पाकिस्तानी लड़ाकू विमान को देखा तब उसने मर्सी का सिग्नल भी भेजा और विमान के डैने को हिला कर यह संदेश दिया कि मुझ पर रहम करो मुझ पर दया करो मैं सरेंडर करने को तैयार हूं
उसके बावजूद पाकिस्तान का लड़ाकू विमान बलवंत राय मेहता के जहाज को मार कर चला जाता है
इस घटना के 30 साल के बाद पाकिस्तान के फाइटर जेट का वह पायलट जिसने बलवंत राय मेहता और उनकी पत्नी और उनके बेटे को मारा था वह बलवंत राय मेहता की अमेरिका में रह रही बेटी को पत्र लिखकर माफी मांग लेता है
उस वक्त अगर भारत सरकार चाहती तब इसका घनघोर बदला ले सकती थी
उस समय भारत और पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था।युद्ध के बाद शास्त्रीजी जरूर बदला लेते पर उनकी ताशकन्द लेजाकर हत्या करवा दी गयीं,और उन्हीं हत्यारों के हाँथ में सत्ता आ गयी।शास्त्रीजी की हत्या में पाकिस्तान का सहयोग भी लिया गया था,फिर प्रधानमंत्री आभार ही व्यक्त करती रहीं,लड़ता कौन?आज की परिस्थितियों इसके विपरित हैं अभिनंदन को पकड़ने के बाद पाकिस्तानी प्रधानमंत्री थर थर कांपे और रात को ही वाघा बॉर्डर से अभिनंदन को छोड़ दिया था मिसाइल मारना तो बहुत बड़ी बात है और उपर किसी मंत्री को। पाकिस्तान नक्शे से ही मिट जाएगा।क्योंकि इस समय प्रधानमंत्री श्री मोदी हैं