AAJ KI UTHAPATAK

2019 में गृहमंत्रालय ने सूचना दी कि राहुल

गांधी ने चार साल में 257 विदेशी दौरे किए

है, मतलब एक साल में औसत 62 दौरे।

अगर हम थाई मसाज और अन्य खर्चो 😜

को हटा भी दें तो भी किसी विदेश यात्रा का

फर्स्ट क्लास का टिकिट, फाइव स्टार होटलों

में स्टे, आलीशान भोजन, फर्स्ट क्लास टैक्सी

आदि मे मोटा मोटी कितना भी कम कर लें

तो भी पाँच लाख तो खर्च करते ही होंगे।

तो जरा जोड़ देख लें —

62 × 500000 = 31000000

तीन करोड़ दस लाख

उरी बाबा!

आप सोच रहे होंगे कि मैं इतना अचम्भे में

क्यों हूँ।

अचम्भे में इसलिए हूँ क्योंकि राहुल बाबा की

प्रति महीने सेलरी व अन्य स्रोतों से कुल

आय 1.03 करोड़ वार्षिक थी और 2019 मे

सम्पत्ति 14.80 करोड़ और अब 20.40

करोड़ है।

तो अब सवाल उठता है कि आमंदनी एक

करोड़ + हलफनामे के सनुसार कुल सम्पत्ति

जो 2019 में 14.80 करोड़ थी वह अब

20.40 करोड़ कैसे हो गई जबकि वह

प्रतिवर्ष 62 दौरे कर रहे थे और प्रत्येक दौरे

पर पाँच लाख न्यूनतम खर्च कर रहे थे।

इन विदेश यात्राओं मे ही अब तक वह 4

करोड़ 70 लाख खर्च कर चुके हैं।

तो अब सवाल उठता है कि उनकी संपत्ति

बढ़ कैसे रही है जब कि उनका खर्च उनकी

आमदनी से कई गुना अधिक है।

अगर आपके पास कोई उत्तर हो तो बताएं।

रिबोर्न जैसी घिनौनी आँख वाली कांग्रेसी भी उत्तर दे सकती है बशर्ते

फाउंडेशन और एन जी ओ स्पोंसर बताने का

सड़ा हुआ लॉजिक न पेले।

Leave a Reply