TODAY UTHAPATAK
व्हाइट हाउस में पत्रकार वार्ता
बुधवार को व्हाइट हाउस के ओवल ऑफिस में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप एक बार फिर भारत को लेकर सख़्त दिखाई दिए। रूस से तेल खरीदने के मुद्दे पर उन्होंने भारत पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने की बात दोहराई और संकेत दिया कि अभी “फेज़ टू” और “फेज़ थ्री” की कार्रवाई भी बाकी है।

भारत पर तीखे बयान, पुतिन ने जताई आपत्ति
ट्रंप के इस रुख पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “अमेरिका भारत से इस तरह की भाषा में बात नहीं कर सकता।”
हाल ही में ट्रंप ने दावा किया था कि भारत ने टैरिफ़ को शून्य करने का प्रस्ताव दिया है, लेकिन इसमें “बेहद देरी” हुई है।
एससीओ बैठक पर भी अमेरिकी नाराज़गी
शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रूस और चीन के नेताओं से मुलाकात को लेकर भी अमेरिकी प्रशासन ने आपत्ति जताई।
पत्रकार से नोकझोंक
पोलैंड के राष्ट्रपति के साथ बैठक के दौरान पोलिश रेडियो के एक पत्रकार ने ट्रंप से सवाल किया कि उन्होंने पुतिन के खिलाफ नाराज़गी जताई है लेकिन कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
इस पर ट्रंप ने तल्ख़ अंदाज़ में जवाब देते हुए कहा,
“भारत पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाना क्या कार्रवाई नहीं है? इससे रूस को सैकड़ों अरब डॉलर का नुकसान हुआ है। और अभी तो मैंने फेज़ टू और फेज़ थ्री शुरू भी नहीं किया। अगर आपको यह कार्रवाई नहीं लगती तो आपको नई नौकरी ढूंढनी चाहिए।”
अतिरिक्त टैरिफ़ का बोझ
अमेरिका ने भारत पर 25% रेसिप्रोकल टैरिफ़ और रूस से तेल आयात पर 25% अतिरिक्त शुल्क लगाया है। इस तरह कुल 50% टैरिफ़ 27 अगस्त से प्रभावी हो चुका है।
ट्रंप का कहना है कि उन्होंने पहले ही साफ़ कर दिया था कि अगर भारत रूस से तेल खरीदेगा तो उसे “बड़ी समस्या” झेलनी पड़ेगी।
भारत की प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि भारत किसानों, पशुपालकों और लघु उद्योगों के हितों से कोई समझौता नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि “दबाव चाहे जितना बढ़े, भारत उसका सामना करेगा।”
भारत सरकार ने अमेरिकी टैरिफ़ को “अनुचित और अव्यवहारिक” करार देते हुए कहा है कि एक बड़ी अर्थव्यवस्था होने के नाते वह अपने आर्थिक हितों की रक्षा के लिए हर कदम उठाएगा।
संभावित ट्रेड डील पर असमंजस
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया है कि अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत जारी है और नवंबर तक कोई ठोस नतीजा सामने आ सकता है।
हालांकि ट्रंप पहले ही संकेत दे चुके हैं कि ट्रेड डील अब अधर में लटक चुकी है।