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एशिया को लेकर पुतिन का बयान

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बुधवार को चीन में पत्रकारों से बातचीत के दौरान अमेरिका के रवैये पर सवाल उठाए। उन्होंने साफ कहा कि अमेरिका भारत और चीन जैसे बड़े देशों से “धौंस दिखाकर” बात नहीं कर सकता।

“भारत-चीन की ताक़त को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता”

पुतिन ने कहा कि भारत की लगभग डेढ़ अरब की आबादी और चीन की मजबूत अर्थव्यवस्था को देखते हुए इन देशों का महत्व बेहद बड़ा है। उन्होंने जोड़ा कि इन देशों की अपनी राजनीतिक व्यवस्थाएं हैं और यह इतिहास रहा है कि कठिन दौर से निकलकर उन्होंने अपनी पहचान बनाई है।

“औपनिवेशिक सोच से बाहर निकलिए”

पुतिन के मुताबिक, “कॉलोनियल दौर अब समाप्त हो चुका है। यदि कोई नेता कमजोर पड़ता है तो उसका राजनीतिक भविष्य समाप्त हो सकता है। इसलिए यह मान लेना ग़लत होगा कि भारत और चीन को पुराने औपनिवेशिक अंदाज़ में दबाया जा सकता है।”

“आख़िरकार स्थिति सामान्य होगी”

पुतिन ने उम्मीद जताई कि मौजूदा तनावपूर्ण माहौल के बावजूद हालात धीरे-धीरे सामान्य हो जाएंगे और एक बार फिर राजनीतिक बयानबाज़ी के बजाय व्यवहारिक बातचीत का रास्ता खुलेगा।

ट्रंप का विवादित दावा

उधर, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप हाल ही में यह दावा कर चुके हैं कि उनकी सख़्त चेतावनियों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित सैन्य टकराव रुक गया। ट्रंप का कहना था कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को स्पष्ट कर दिया था कि अगर संघर्ष बढ़ा तो अमेरिका ऐसे टैरिफ़ लगाएगा कि भारत के लिए हालात मुश्किल हो जाएंगे।

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