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बाप बड़ा न भैया, सबसे बड़ा रुपैया… ये कहावत को आपने सुनी ही होगी. मगर पैसों का लालच कभी कबार आपको मुसीबत में भी डाल सकता है. ऐसा ही एक नजारा बिहार के पटना में देखने को मिला. यहां आर्थिक अपराध ईकाई की रडार पर आए ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय के घर पर छापेमारी के दौरान कुछ ऐसा देखने को मिला, जिससे सबकी आंखें फटी की फटी रह गईं.

आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) द्वारा दी गयी जानकारी के अनुसार, विनोद कुमार राय ने जब खुद को सरकार की रडार पर पाया तो उसने न केवल पैसों को जला दिया. बल्कि, पानी की टंकी में भी पैसे रख दिए. हालांकि, इतनी कोशिश के बाद भी वह आर्थिक अपराध ईकाई की नजरों से नहीं बच सके.

पहले कार में रखे पैसे फिर जला दिए नोट

EOU के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, 21 अगस्त को इकाई को यह सूचना प्राप्त हुई कि विनोद कुमार राय अपने कार्यस्थल से सफेद इनोवा कार से निकले हैं, जिॉसमें बड़ी संख्या में अवैध कार्यों से जमा की गई नकद राशि रखी गई है. इकाई ने इसका सत्यापन करते हुए एएसपी कुमार इंद्रप्रकाश तथा डीएसपी सह थाना अध्यक्ष राकेश कुमार व अन्य पुलिस अधिकारी के साथ एक एसआइटी का गठन किया. राजधानी के अगम कुआं थाना स्थित भूतनाथ रोड स्थित निवास पर सत्यापन और तलाशी की कार्रवाई को शुरू की.

जला दिए लाखों के नोट

बताया जा रहा है कि आर्थिक अपराधी इकाई के द्वारा कार्रवाई करने की भनक मिलते ही विनोद कुमार राय ने अपने घर में ही नोटों की गाड़ियों को जलाना शुरू कर दिया. तलाशी के दौरान आर्थिक अपराध इकाई को बड़ी संख्या में करंसी तथा उनके अवशेषों को घर के टॉयलेट की पाइप से बरामद किया गया. नोटों को कुछ इस कदर जलाया गया था कि घर की नालियां पूरी तरीके से जाम हो चुकी थीं. जिन्हें बाद में नगर निगम के कर्मियों के सहयोग से खुलवाया गया. जब पाइप को खुलवाया गया तो सब की आंखें खुली की खुली रह गईं. क्योंकि उन पाइप में अधजली करंसी और अन्य दस्तावेज पड़े हुए थे. इतना ही नहीं घर की तलाशी के क्रम में पानी की टंकी में छुपा कर रखे हुए 500 रूपये मूल्य की करंसी बरामद की गई जो 39 लाख 50 हजार रुपए थी. इसके अलावा जले हुए 500 रूपये मूल्य के नोट को मिलाकर लगभग अभी तक लगभग 52 लाख रुपए की बरामदगी की गई है.

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